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आरजेडी के लालटेन से सारण में कितना उजाला लाएँगी रोहिणी आचार्य?

 24 Apr 2024

बिहार के सारण से लोकसभा चुनाव की उम्मीदवार और लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य की नज़र में इस चुनाव में महंगाई और बेरोज़गारी सबसे बड़ा मुद्दा है। वे महिलाओं को सशक्त बनाने तथा उन्हें  सम्मान और रोज़गार दिलाने को अपना लक्ष्य बताती हैं। रोहिणी आचार्य कहती हैं कि भाजपा धर्म की आड़ में मुद्दों से चाहे कितना भी ध्यान भटकाये, लेकिन वे अपने मुद्दों पर अटल रहने वाली हैं। मोलिटिक्स की संवाददाता निवेदिता शांडिल्य ने सारण पहुँचकर  तमाम मुद्दों पर रोहिणी आचार्य से ये ख़ास बातचीत की-


मुझे रास्ते लोगों में आपके प्रति प्यार दिखा, लेकिन भाजपा का आरोप है कि आप लालू यादव के चेहरे पर चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में आपके लिए भी लोगों के मन में लालू जी की बेटी वाला प्यार देखा जा सकता है, क्या आप लालू प्रसाद यादव के चेहरे पर चुनाव लड़ रहे हैं?

सही बात है, मैं लालू जी की बेटी हूंँ, ये बात जगज़ाहिर है। यहाँ के लोग मेरे काम को भी सराह रहे हैं इसलिए भी मुझे प्यार दे रहे हैं। सारण में भाजपा के मौजूदा सांसद राजीव प्रताप रूडी तो सारण में कम और शहर में ज़्यादा रहते हैं। यहाँ के लोग बताते है कि जब वो यहाँ आये थे तो उन्होंने लोगों से हाथ मिलाने के बाद हाथों को सेनेटाइज़ किया था।


आप जनता के लिए कौन से मुद्दे लेकर आ रही हैं, जिन पर आप काम करना चाहती हैं?

हमारी लड़ायी है महंगाई, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार से। हमें महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, उनको स्मार्ट बनाना है तभी हमारा सारण स्मार्ट बनेगा। महिलाओं को रोजगार देना होगा, उनको समाज की मुख्यधारा में लाना होगा। महिलाओं को भी उतनी अहमियत देनी होगी जितना पुरुष प्रधान समाज में पुरुषों को दिया जाता है।



राम मंदिर के ज़रिए भाजपा धर्म को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है, आप ऐसा क्या कर रही हैं जिससे धर्म मुद्दा न बन सके?

हमारी लड़ाई होती है गरीबों और उनके अधिकार के लिए। जिसकों और तरीके से चुनाव लड़ना है ,वो उसका मुद्दा है। लेकिन हमें महंगाई को रोकना है। कोशिश करना है कि हर घर में रोज़गार हो। हमारी लड़ाई है कि जो मूलभूत सुविधाए हैं, वो लोगों को मिल सकें।


नरेंद्र मोदी बिहार में परिवारवाद पर काफ़ी हमला बोल रहे हैं,  आप इस पर क्या कहेंगी?

मोदी ख़ुद परिवारवालों को लोकसभा का टिकट दे रहे हैं। जमुई हो या समस्तीपुर, कई ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ से भाजपा ने परिवारवालों को लोकसभा का उम्मीदवार घोषित किया है।


जब भाजपा खुद परिवारवाद से घिरी हुई है तो वो इतनी ज्यादा टिप्पणी क्यों कर रहे हैं?

एक कहावत है कि चोर की दाढ़ी में तिनका। भाजपा का ऐसा ही हाल है। ख़ुद चोर हैं तो दूसरों को भी चोर घोषित कर देते हैं।